(Bihar) बिहार के सुपौल जिला से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, 5 साल के बच्चे ने तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र को गोली मार दी यह घटना Bihar बिहार राज्य के सुपौल जिले की बताई जा रही है गोली बच्चे के बाएं हाथ में लगी गोली लगने वाले छात्र कि उम्र 11 वर्ष बताई जा रही है |
31 जुलाई बुधवार को रोज की तरह सभी बच्चे सुबह- सुबह स्कूल पहुँच ही रहे थे कि सुबह प्रार्थना करने के पहले एक 5 वर्ष का छात्र जो कि नर्सरी में पढ़ता है उसने तीसरी क्लास के बच्चे को गोली मार दी गोली बच्चे के बांये हाथ में लगी जिससे बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया यह घटना सुनते ही पूरे स्कूल में हडकंप मच गया आनन – फानन में बच्चे को पास के अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया यह घटना Bihar के सुपौल सीतामढ़ी, त्रिवेणीगंज सेंट जॉन बोर्डिंग स्कूल की बताई जा रही है | घटना की जानकारी मिलते ही Bhiar Police घटना स्थल पर पहुँच कर स्कूल संचालक और बच्चों से पूँछताछ कर रही है|
घटना की जानकारी मिलते ही हथियार लेकर फरार हो गया नर्सरी छात्र का पिता
घटना के बाद पुलिस अधिकारियों ने दोनों बच्चों के परिवार जनों को पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन मौका पाकर नर्सरी छात्र का पिता हथियार लेकर फरार हो गया इस घटना के चलते आक्रोशित लोगों ने कुछ देर के लिए सड़क को जाम कर दिया जिसे पुलिस अधिकारियों ने लोगों को समझाने पर मामले को शांत कराया |
घटना का जिम्मेदार कौन ?
नर्सरी के विद्यार्थी क़ो हत्या के उपकरण पता है लेकिन विभाग क़ो इसकी भनक नहीँ है शराब कागजो मे बंद है लेकिन खुले बाजार बिकती है कौन खोखला कर रहा है देश क़ो आप सवाल पूछ सकते है क्या ?
हां, लेकिन आप नहीँ पूछेंगे और आपका हमारा या हम सभी का शांत हो जाना ही इस देश मे मृत मानवता मे सहभागिता का पहला कदम है! अगर आप घटना क़ो एक अलग दृस्टिकोण से देखने के प्रयास कीजिये तो आपक़ो एक बात यह समझ आएगी की ; मुख्यतः 10 वर्ष तक के बालक हर वो चीज जो कर रहे वह अपने आस पास के पर्यावरण से सीख पाते है, गोली चलाने वाले बच्चे की उम्र 5 वर्ष बताई गई घर मे अधिकांश समय बीतता होग़ा कहाँ से आई इतनी क्रूरता ?हमारे आस पास के गैर सँस्कारित माहौल की ये सबसे बड़ी नाकामी है हम क्रूरता थालियो मे परोस रहे है तो इस तरह की घटनाओ का होना आम बात है !
फ्रस्ट्रेशन व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से बीमार बना देता हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार मनोदशा संबंधित विकार बच्चों में आक्रामकता उत्पन्न करता है। माता पिता को अपने बच्चों को किसी भी काम को धैर्य और प्यार के साथ सही तरीके से करना सिखाना चाहिए। इसके साथ ही छोटे छोटे मुद्दों के प्रति आक्रामक रवैया अपनाना गलत आदत है.ये भी समझाना चाहिए।
बच्चे क़ो फिलहाल न्यायिक हिरासत मे लेकर पुलिस जांच कर रहीं है हथियार कहाँ से आए ये ढूंढने से बेहतर है ये पता कीजिये संस्कार कहाँ से आए और उस मूल जड़ क़ो सजा दीजिये वरना कल एक और बच्चा तैयार होकर बिहार के ह्रदय मे गोली मारेगा और बच्चो का प्रोफेशन इसी तरह दूषित होता रहेगा!