Chandipura virus
इस समय चांदीपुरा नाम के एक वायरस ने देश के कई राज्यों में डर का माहौल बना कर रखा है मानसून की शुरुआत होते ही मच्छरों से होने वाली कई रोगों के मामले आने लगे हैं जो स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए काफी चिंता का विषय बना हुआ है मीडिया ख़बरों के मुताबिक गुजरात में Chandipura virus, चांदीपुरा वायरस से 8 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें से छह बच्चे बताये जा रहे हैं, जबकि संक्रमण के मामले बढ़कर 15 हो गई है|
स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने राज्य की राजधानी गांधीनगर में मीडिया को बताते हुआ कहा कि अब तक साबरकांठा, अरावली, महिसागर, खेड़ा, मेहसाणा और राजस्थान के राजकोट जिलों से मामले सामने आए हैं |
ऋषिकेश पटेल ने कहा कि राजस्थान के 2 और मध्य प्रदेश के एक और गुजरात राज्यों में संक्रमण के मामले सामने आये हैं राजस्थान के दो में से एक की मौत हो गई है |
ऋषिकेश पटेल ने स्वास्थ्य विभाग को कहा कि प्रभावित जिलों कि गहन निगरानी करें | और उनहोंने कहा सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पतालों, मेडिकल कालेजों को विशेष सलाह जारी की गई है Chandipura virus के मामलों को सीरियस लें और लक्षण दिखने पर मामले को गंभीरता से लेते हुए उसका इलाज करें|
Chandipura virus बीमारी से क्या होता है कितना प्रभाव पड़ता है?
विशेषज्ञों के मुताबिक Chandipura virus चांदीपुरा वायरस बीमारी होने पर मरीजों में मरने की मृत्यु दर बहुत अधिक बढ़ जाती है यदि इलाज सही समय पर ना किया जाए तो मरीज की जान बचाना बहुत मुश्किल हो जाता है | Chandipura virus नामक बीमारी होने पर बाल रोग विशेषज्ञ राजेश महेश्वरी ने बताया कि अगर मरीज कोमा में चला जाता है तो मरीज के मरने के 50 प्रतिशत चांस बढ़ जाता है |
Chandipura virus के लक्षण
Chandipura virus : चांदीपुरा वायरस (CHPV), रैबडोविरिडे फैमिली का सदस्य है, चांदीपुरा वायरस का प्रभाव ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में होने का खतरा होता है चांदीपुरा वायरस ज्यादातर बच्चों को प्रभावित करता है इसके शुरुआती लक्षण, अचानक तेज बुखार आना, उल्टी आना, दस्त के दौरे पड़ना, सर में तेज दर्द होना, मस्तिष्क में सूजन आना और ऐठन होना ये ख़ास लक्षण नजर आते हैं | चांदीपुरा वायरस की चपेट में ज्यादातर बच्चे आते हैं, इस वायरस के संक्रमित होने पर बच्चों की मौत 48-72 में हो सकती है |
Chandipura virus से कैसे बचें ?
Chandipura virus के केस बहुत ही कम आते हैं इसलिए अभी तक इसका कोई भी ठीक – ठीक इलाज नहीं ढूँढा गया है | सही समय पर इस रोग का पता लगने पर तुरंत अपने पास के अस्पताल में जाकर डॉ. को दिखाना चाहिए |
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं बच्चों को चांदीपुरा वायरस के रोग से बचने के लिए किसी भी ऐसी जगह पर नहीं भेजनी चाहिए जहाँ पर गन्दा पानी भरा हो, बच्चों को मच्छरों, टिक्स, और मक्खियों से बचाना चाहिए, संक्रमण के लक्षण पता चलने पर तुरंत डॉ. के पास जाना चाहिए |
नोट: यह लेख स्वास्थ्य विशेषज्ञों के द्वारा दी गयी जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है इस लेख में दी गयी जानकारी केवल पाठक की जानकारी व जागरूकता को बढ़ाने के लिये तैयार किया गया है | AV Crime News लेख में दी गई जानकारी व् सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है | इस लेख में उल्लेखित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर्स से सलाह लें |